हर मायूस को हँसाने का
कारोबार है अपना….
दिलों का दर्द खरीद लेते है
बस यही रोजगार है अपना…..!!!
कभी रो के मुस्कुराए, कभी मुस्कुरा के रोए,
जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए,
एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा,
जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए.
तुम दूर..बहुत दूर हो मुझसे.. ये तो जानता हूँ मैं…
पर तुमसे करीब मेरे कोई नही है.. बस ये बात तुम याद रखना…
तुझे पाना.. तुझे खोना.. तेरी ही याद मेँ रोना
ये अगर इश्क है.. तो हम तनहा ही अच्छेँ हैँ.!!
कभी किसी के जज्बातों का मजाक ना बनाना.
ना जाने कौन सा दर्द लेकर कोई जी रहा होगा..
कुछ तो है जो बदल गया जिन्दगी में मेरी
अब आइने में चेहरा मेरा हँसता हुआ नज़र नहीं आता…
उमर बीत गई पर एक जरा सी बात समझ में नहीं आई
हो जाए जिनसे महोब्बत, वो लोग कदर क्यूं नहीं करते
यूँ तो कोई शिकायत नहीं मुझे मेरे आज से,
मगर कभी-कभी बीता हुआ कल बहुत याद आता है…
अपने हर लफ्ज़ में कहर रखते हैं हम,
रहें खामोश फिर भी असर रखते हैं हम..
बडी अजीब मुलाकातें होती थी हमारी,
वो किसी मतलब से मिलते थे और हमे तो सिर्फ मिलने से मतलब था…
अब ये न पूछना की . . ये अल्फ़ाज़ कहाँ से लाता हूँ
कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के, कुछ अपना हाल सुनाता हूँ
तूफान भी आना जरुरी है जिंदगी में तब जा कर पता चलता है की
कौन हाथ छुड़ा कर भागता है और कौन हाथ पकड़ कर
तेरी गली में आकर के खो गये हैं दोंनो.!
मैं दिल को ढ़ूँढ़ता हुँ दिल तुमको ढ़ूँढ़ता है.!!
तुम आए थे, पता लगा, सुन कर अच्छा भी लगा,
पर गैरों से पता चला, बेहद बुरा लगा !!
Aaj Koi #Shayari Nhi Bas Itna Sun Lo,
Main Tanha hun Aur Wajah Tum Ho
Jee Chahe Ki Duniya Ki Har Ek #Fikra Bhula Kar..!!
Kuchh shayari Sunau Me Tujhe Pass Bitha Kar..!!
Ab woh armaan hain, na woh sapnay..
Sab qabootar urra gaya koi!
औक़ात नही थी जमाने में जो मेरी कीमत लगा सके,
कबख़्त इश्क में क्या गिरे, मुफ़्त में नीलाम हो गए..
अकसर भुल जाती हूँ मैं तुम्हें शाम की चाय में चीनी की तरह,
फिर जिंदगी का फीकापन तुम्हारी कमी का एहसास दिला देता है !!
मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे मजबूत रखना,
जरा से भी चुके तो महोब्बत हो जायेगी
तेरी जरूरत, तेरा इंतजार और ये तन्हा आलम,
थक कर मुस्कुरा देती हूँ, मैं जब रो नहीं पाती !!
सीने में धङकता जो हिस्सा है,
उसी का तो ये सारा किस्सा है !
पेहली नज़र में भी प्यार होता है
दिल का चैन अक्सर यूँ ही खोता है
अनजानी आँखे जब किसी पे रुक जाती है
अक्सर दिल के अंदर वोह झाँक जाती है
धड़कने यूँ ही दिल की बढ़ जाती है
भीड़ में भी तब किसी की याद सताती है
चैन दिल का खो जाता है
बस एक वही चेहरा याद आता है
दिल का एक अनकहा रिश्ता दिल से जुड़ जाता है
पेहली नज़र में जब प्यार हो जाता है
एक पल मे अजनबी दिल का मलिक बन जाता है
आँखे बस वोह अजनबी आँखे ढूंढ़ती है
पिया से मिलने का बस वोह बहना ढूंढ़ती है
जिया को सुकून तब आता है
जब आँखो के सामने उनका चेहरा आता है
दिल से दिल का बस एक रिश्ता जुड़ जाता है