हर मायूस को हँसाने का

हर मायूस को हँसाने का
कारोबार है अपना….
दिलों का दर्द खरीद लेते है
बस यही रोजगार है अपना…..!!!

कभी रो के मुस्कुराए, कभी मुस्कुरा के रोए,
जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए,
एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा,
जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए.

तुम दूर..बहुत दूर हो मुझसे.. ये तो जानता हूँ मैं…
पर तुमसे करीब मेरे कोई नही है.. बस ये बात तुम याद रखना…


तुझे पाना.. तुझे खोना.. तेरी ही याद मेँ रोना
ये अगर इश्क है.. तो हम तनहा ही अच्छेँ हैँ.!!


कभी किसी के जज्बातों का मजाक ना बनाना.
ना जाने कौन सा दर्द लेकर कोई जी रहा होगा..


कुछ तो है जो बदल गया जिन्दगी में मेरी
अब आइने में चेहरा मेरा हँसता हुआ नज़र नहीं आता…


उमर बीत गई पर एक जरा सी बात समझ में नहीं आई
हो जाए जिनसे महोब्बत, वो लोग कदर क्यूं नहीं करते


यूँ तो कोई शिकायत नहीं मुझे मेरे आज से,
मगर कभी-कभी बीता हुआ कल बहुत याद आता है…


अपने हर लफ्ज़ में कहर रखते हैं हम,
रहें खामोश फिर भी असर रखते हैं हम..


बडी अजीब मुलाकातें होती थी हमारी,
वो किसी मतलब से मिलते थे और हमे तो सिर्फ मिलने से मतलब था…


अब ये न पूछना की . . ये अल्फ़ाज़ कहाँ से लाता हूँ
कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के, कुछ अपना हाल सुनाता हूँ


तूफान भी आना जरुरी है जिंदगी में तब जा कर पता चलता है की
कौन हाथ छुड़ा कर भागता है और कौन हाथ पकड़ कर

तेरी गली में आकर के खो गये हैं दोंनो.!
मैं दिल को ढ़ूँढ़ता हुँ दिल तुमको ढ़ूँढ़ता है.!!


तुम आए थे, पता लगा, सुन कर अच्छा भी लगा,
पर गैरों से पता चला, बेहद बुरा लगा !!


Aaj Koi ‪#‎Shayari‬ Nhi Bas Itna Sun Lo,
Main ‪‎Tanha‬ hun Aur ‪Wajah‬ Tum Ho


Jee Chahe Ki Duniya Ki Har Ek ‪#‎Fikra‬ Bhula Kar..!!
Kuchh ‪shayari‬ Sunau Me Tujhe Pass Bitha Kar..!!


Ab woh armaan hain, na woh sapnay..
Sab qabootar urra gaya koi!


औक़ात नही थी जमाने में जो मेरी कीमत लगा सके,
कबख़्त इश्क में क्या गिरे, मुफ़्त में नीलाम हो गए..


अकसर भुल जाती हूँ मैं तुम्हें शाम की चाय में चीनी की तरह,
फिर जिंदगी का फीकापन तुम्हारी कमी का एहसास दिला देता है !!


मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे मजबूत रखना,
जरा से भी चुके तो महोब्बत हो जायेगी


तेरी जरूरत, तेरा इंतजार और ये तन्हा आलम,
थक कर मुस्कुरा देती हूँ, मैं जब रो नहीं पाती !!


सीने में धङकता जो हिस्सा है,
उसी का तो ये सारा किस्सा है !

पेहली नज़र में भी प्यार होता है
दिल का चैन अक्सर यूँ ही खोता है
अनजानी आँखे जब किसी पे रुक जाती है
अक्सर दिल के अंदर वोह झाँक जाती है
धड़कने यूँ ही दिल की बढ़ जाती है
भीड़ में भी तब किसी की याद सताती है
चैन दिल का खो जाता है
बस एक वही चेहरा याद आता है
दिल का एक अनकहा रिश्ता दिल से जुड़ जाता है
पेहली नज़र में जब प्यार हो जाता है
एक पल मे अजनबी दिल का मलिक बन जाता है
आँखे बस वोह अजनबी आँखे ढूंढ़ती है
पिया से मिलने का बस वोह बहना ढूंढ़ती है
जिया को सुकून तब आता है
जब आँखो के सामने उनका चेहरा आता है
दिल से दिल का बस एक रिश्ता जुड़ जाता है

 

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ज़िन्दगी के लिए जान जरुरी है,

ज़िन्दगी के लिए जान जरुरी है,
पाने के लिए अरमान ज़रूरी है,
हमारे पास चाहे हो कितना ही गम,
पर आपके चेहरे पर मुस्कान ज़रूरी है.

हर रिश्ते मे सिर्फ नूर बरसेगा..
शर्त बस इतनी है कि रिश्ते में शरारतें करो साजिशें नहीं।


मोहब्बत अब समझदार हो गयी है
हैसियत देख कर आगे बढ़ती है।


आराम से कट रही थी तो अच्छी थी जिंदगी
तू कहाँ इन आँखों की बातों में आ गयी।


हीरों की बस्ती में हमने कांच ही कांच बटोरे हैं
कितने लिखे फ़साने फिर भी सारे कागज़ कोरे है।


दिलों में खोट है ज़ुबां से प्यार करते हैं
बहुत से लोग दुनिया में यही व्यापार करते हैं।


सज़ा मिली है इसे, इसकी वफाओं के लिये!
दिल वो मुज़रिम है के, जिस पर कोई इल्ज़ाम नहीं!


मेरे मुन्सिफ को मगर, ये भी तो मंज़ूर न था!
दिल ने इन्साफ ही माँगा था, कुछ ईनाम नहीं!


खुशबु आ रही है कहीं से ताज़े गुलाब की
शायद खिड़की खुली रेह गई होगी उनके मकान की।


तेरी मोहब्बत की तलब थी इस लिए हाथ फैला दिए
वरना हमने तो कभी अपनी ज़िंदगी की दुआ भी नही माँगी।


बेगुनाह कोई नहीं, सबके राज़ होते हैं..
किसी के छुप जाते हैं, किसी के छप जाते हैं..।

आज धुन्ध बहुत है मेरे शहर में,
अपने दिखते नहीं और जो दिखते है वो अपने नहीं।


कहो तो थोड़ा वक्त भेज दूँ,
सुना है तुम्हें फुर्सत नहीं मुझसे मिलने की।


हम कुछ ना कह सके उनसे, इतने जज्बातों के बाद..
हम अजनबी के अजनबी ही रहे इतनी मुलाकातो के बाद।


जो लम्हा साथ हैं उसे जी भर के जी लेना
कम्बख्त ये जिंदगी भरोसे के काबिल नहीं है।


मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ..
ऐ खुदा किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे जो मौत तक वफा करे


खामोश बैठें तो वो कहते हैं उदासी अच्छी नहीं..
ज़रा सा हँस लें तो मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं।


गिरते हुए आँसुओं को कौन देखता है..
झूठी मुस्कान के दीवाने हैं सब यहाँ।


इंसान बुलबुला है पानी का जी रहे हैं कपडे बदल बदल कर..
एक दिन एक ‘कपडे’ में ले जायेंगे कंधे बदल बदल कर।


तमाम गिले-शिकवे भुला कर सोया करो यारो..
सुना है मौत किसी को मुलाक़ात का मौका नही देती।


एक रास्ता ये भी है मंजिलों को पाने का..
कि सीख लो तुम भी हुनर हाँ में हाँ मिलाने का।

किसी की यादो को रोक पाना मुश्किल है
रोते हुए दिल को मनाना मुश्किल है
ये दिल अपनो को कितना याद करता है
ये कुछ लफ्जो में बयाँ कर पाना मुश्किल है

वो जिसकी याद मे हमने खर्च दी जिन्दगी अपनी।
वो शख्श आज मुझको गरीब कह के चला गया ।।

क्या नाम दूँ मैं अपनी मोहब्बत को..
कि ये तेरा सिवा किसी और से होती ही नहीं..!! ‪


कौन कहता है संवरने से बढ़ती है खूबसूरती…
दिलों में चाहत हो तो चेहरे यूँ ही निखर आते है..!!


जिसको तलब हो हमारी, वो लगाये बोली,
सौदा बुरा नहीं… बस “हालात” बुरे है..!!


मैं भी खरीददार हूं मैं भी खरीदूंगा..
प्यार कहां बिकता है पता बताना यारों..!!


उन लोगों की उम्मीदों को कभी टूटने ना दे..!!
जिनकी आखरी उम्मीद सिर्फ आप ही है..!!


निकाल दिया उसने हमें अपनी ज़िन्दगी से भीगे कागज़ की तरह,
ना लिखने के काबिल छोड़ा, ना जलने के..!!


तेरी ज़िन्दगी में ना सही…
पर तारीख में तो आज भी 13 ही हूँ..!!


जरूरी नहीं की हर बात पर तुम मेरा कहा मानों,
दहलीज पर रख दी है चाहत, आगे तुम जानो..!!

न पूछो हालत मेरी रूसवाई के बाद,
मंजिल खो गयी है मेरी, जुदाई के बाद,
नजर को घेरती है हरपल घटा यादों की,
गुमनाम हो गया हूँ गम-ए-तन्हाई के बाद!!

घबराईए मत…
बारिश का मौसम शुरू नहीं हुआ है
यह तो इंद्रदेव अपनी पिचकारी चेक कर रहे थे ….

होली आने वाली है रंगो से नहीं डरे
रंग बदलने वालो से डरे…!!!
हैप्पी होली इन एडंवास

कहीं कोयला तो कहीं खदान बिक रहा है.
गोल गुम्बद में हिंदुस्तान बिक रहा है..
यूँ तो कागज गल जाता है पानी की एक बूँद से.
चंद कागज़ के नोटों में मगर ईमान बिक रहा है..
गुलामी का दौर चला गया कैसे कहें जनाब.
कहीं इंसानियत तो कहीं इंसान बिक रहा है..
आज की नयी नस्लें होश में रहती कब हैं..
कैंटीन में चाय के साथ नशे का सामान बिक रहा है..
आधुनिकता और कितना नंगा करेगी हमको..
बेटे के फ्लैट के लिए बाप का मकान बिक रहा है.
सीता को जन्म देने वाली धरती को क्या हो गया..
राम के देश में चाइना का हनुमान बिक रहा है..

 

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रोते रहे तुम भी, रोते रहे हम भी,

रोते रहे तुम भी, रोते रहे हम भी,
कहते रहे तुम भी और कहते रहे हम भी,
ना जाने इस ज़माने को हमारे इश्क़ से क्या नाराज़गी थी,
बस समझाते रहे तुम भी और समझाते रहे हम भी।

वो हमें भूल भी जायें तो कोई गम नहीं,
जाना उनका जान जाने से भी कम नहीं,
जाने कैसे ज़ख़्म दिए हैं उसने इस दिल को,
कि हर कोई कहता है कि इस दर्द की कोई मरहम नहीं।

मुझे भी सिखा दो भूल जाने का हुनर..
मैं थक गया हूँ हर लम्हा हर सांस तुम्हें याद करते करते..!!


सिलसिला ये चाहत का दोनो तरफ से था,
वो मेरी जान चाहती थी और मैं जान से ज्यादा उसे।


शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में,
जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं।


अपने वजूद पर इतना न इतरा ए ज़िन्दगी..
वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है!!


होता अगर मुमकिन, तुझे साँस बना कर रखते सीने में,
तू रुक जाये तो मैं नही, मैं मर जाऊँ तो तू नही.


आज तो हम खूब रुलायेंगे उन्हें,
सुना है उसे रोते हुए लिपट जाने की आदत है!


आज भी प्यारी है मुझे तेरी हर निशानी ..
फिर चाहे वो दिल का दर्द हो या आँखो का पानी।


उम्र छोटी है तो क्या, ज़िंदगी का हरेक मंज़र देखा है,
फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं, बगल में खंजर देखा।


मुश्किल नहीं है कुछ दुनिया में, तू जरा हिम्मत तो कर…
खवाब बदलेगें हकीकत में.. तू ज़रा कोशिश तो कर।


वफ़ा के वादे वो सारे भुला गयी चुप चाप,
वो मेरे दिल की दीवारें हिला गयी चुप चाप।

मैं नींद का शोकीन ज्यादा तो नही..
लेकिन तेरे ख्वाब ना देखूँ तो.. गुजारा नही होता..!!


मुहब्बत नहीं है नाम सिर्फ पा लेने का..
बिछड़ के भी अक्सर दिल धड़कते हैं साथ-साथ..!!


मुश्किल भी तुम हो, हल भी तुम हो ,
होती है जो सीने में , वो हलचल भी तुम हो ..!!


चेहरे के रंग को देखकर दोस्त ना बनाना.. दोस्तों ..
तन का काला तो चलेगा लेकिन मन का काला नहीं।


दामन को फैलाये बैठे हैं अलफ़ाज़-ए-दुआ कुछ याद नही
माँगू तो अब क्या माँगू जब तेरे सिवा कुछ याद नही


तुझे भूलने के लिए मुझे सिर्फ़ एक पल चाहिए,
वह पल! जिसे लोग अक्सर मौत कहते हैं…!!


अब लोग पूछते हैं हमसे.. तुम कुछ बदल गए हो
बताओ टूटे हुए पत्ते अब .. रंग भी न बदलें क्या..!!


छोटा है मुहब्बत लफ्ज, मगर तासीर इसकी प्यारी है.
इसे दिल से करोगे तुम, तो ये सारी दुनियाँ तुम्हारी है.


क्या क्या रंग दिखाती है जिंदगी क्या खूब इक्तेफ़ाक होता है,
प्यार में ऊम्र नहीँ होती पर हर ऊम्र में प्यार होता है..!!


तुम्हारी याद की शिद्दत में बहने वाला अश्क
ज़मीं में बो दिया जाए तो आँख उग आए..!!

चलो! थोड़ी मुस्कुराहट बाँटते है..
थोड़ा दुख तकलीफों को डाँटते है..
क्या पता ये साँसे चोर कब तक हैं?
क्या पता ‘जिन्दगी की चरखी’ में ड़ोर कब तक हैं?

बड़े शौक से बनाया तुमने मेरे दिल मे अपना घर
जब रहने की बारी आई तो तुमने ठिकाना बदल दिया।


इश्क का धंधा ही बंद कर दिया साहेब।
मुनाफे में जेब जले.. और घाटे में दिल..!


शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में,
जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं।


अपने वजूद पर इतना न इतरा ए ज़िन्दगी..
वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है!!


कुछ तो बात है तेरी फितरत में ऐ दोस्त,
वरना तुझ को याद करने की खता हम बार-बार न करते!


चुपचाप गुज़ार देगें तेरे बिना भी ये ज़िन्दगी,
लोगो को सिखा देगें मोहब्बत ऐसे भी होती है।


ग़ैरों को भला समझे और मुझ को बुरा जाना..
समझे भी तो क्या समझे जाना भी तो क्या जाना।


किनारों से मुझे ऐ नाख़ुदा दूर ही रखना..
वहाँ ले कर चलो, तूफ़ान जहां से उठने वाला हैं।


जब किसी से कोई गिला रखना सामने अपने आईना रखना।


आंखों देखी कहने वाले, पहले भी कम-कम ही थे
अब तो सब ही सुनी-सुनाई बातों को दोहराते हैं।

मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग
हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता.


दिल से पूछो तो आज भी तुम मेरे ही हो
ये ओर बात है कि किस्मत दग़ा कर गयी।


कौन कहता है मुसाफिर जख्मी नही होते
रास्ते गवाह हैं कम्बख्त गवाही नही देते।


अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो ।


इक रात चाँदनी मिरे बिस्तर पे आई थी
मैं ने तराश कर तिरा चेहरा बना दिया ।


न तो देर है, न अंधेर है .. रे मानव!
तेरे कर्मों का सब फेर है .. शुभ रात्रि।


सुख भोर के टिमटिमाते हुए तारे की तरह है
देखते ही देखते ये ख़त्म हो जाता है …!


जब भी अंधेरा गहराता है…
उजाला उसका समाधान बनकर आ जाता है…!


एक ही समानता है…पतंग औऱ जिन्दगी में
ऊँचाई में हो तब तक ही ‘वाह – वाह’ होती है ।

आदमी जो सुनता है, आदमी जो कहता है..
ज़िंदगी भर वो सदाएँ पीछा करती हैं!
आदमी जो देता है, आदमी जो करता है..
रास्ते मे वो दुआएँ पीछा करती हैं!

मैं कड़ी धुप में चलता हु इस यकींन के साथ,
मैं जलूँगा तो मेरे घर में उजाले होंगे.!!


इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई..
हम न सोए रात थक कर सो गई.


लफ़्ज़ों से बना इंसाँ लफ़्ज़ों ही में रहता है..
लफ़्ज़ों से सँवरता है लफ़्ज़ों से बिगड़ता है .


ज़िंदगी ज़ोर है रवानी का… क्या थमेगा बहाव पानी का.


रोती है आँख जलता है ये दिल जब..
अपने घर के फेंके दिये से आँगन पराया जगमगाता है.


क्या साथ लाए क्या छोड़ आए..
रस्ते में हम मंज़िल पे जा के ही याद आता है.


आदमी मुसाफ़िर है आता है जाता है..
आते-जाते रस्ते में यादें छोड़ जाता है.


कोई भी हो हर ख़्वाब तो अच्छा नही होता..
बहुत ज्यादा प्यार भी अच्छा नहीं होता है.


इन ग़म की गलियों में कब तक ये दर्द हमें तड़पाएगा..
इन रस्तों पे चलते-चलते हमदर्द कोई मिल जाएगा.


जो बात निकलती है दिल से कुछ उसका असर होता है..
कहने वाला तो रोता है सुनने वाला भी रोता है.

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करते हैं हम तुमसे मोहब्बत,

करते हैं हम तुमसे मोहब्बत,
हमारी खता यह माफ़ करना,
है अगर बदनाम मोहब्बत हमारी,
तुम प्यार को बदनाम मत करना।

एक पहचान हज़ारो दोस्त बना देती हैं,
एक मुस्कान हज़ारो गम भुला देती हैं,
ज़िंदगी के सफ़र मे संभाल कर चलना,
एक ग़लती हज़ारो सपने जला कर राख देती है.

तेरी आवाज़ तेरे रूप की पहचान है,
तेरे दिल की धड़कन में दिल की जान है,
ना सुनूं जिस दिन तेरी बातें,
लगता है उस रोज़ ये जिस्म बेजान है।

ना दिल से होता है, ना दिमाग से होता है,
ये प्यार तो इत्तेफ़ाक़ से होता है,
पर प्यार करके प्यार ही मिले,
ये इत्तेफ़ाक़ भी किसी-किसी के साथ होता है।

सूरज निकलने का वक़्त हो गया,
फूल खिलने का वक़्त हो गया,
मीठी नींद से जागो मेरे दोस्त,
सपने हक़ीकत में लाने का वक़्त हो गया !!

तेरी दुनिया में कोई गम ना हो,
तेरी खुशियाँ कभी कम न हो,
भगवान तुझे ऐसी आइटम दे,
जो अग्निपथ की चिकनी चमेली से कम ना हो !!

जो मस्ती आंखों में है वो मदिरालय में नहीं,
अमीरी दिल की कोई महालय में नहीं,
शीतलता पाने के लिए कहा फिरता है मानव,
जो माँ की गोद में है वो तो हिमालय में नहीं !!

मोहब्बत के खर्चो की बड़ी लंबी कहानी है,
कभी फिल्म दिखानी है तो कभी शोपिंग करानी है,
मास्टर रोज कहता है कहाँ है फीस के पैसे?
उसे समझाऊं मैं कैसे की मुझे छोरी पटानी है!!

दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान होती है,
दोस्ती ही सुख दुख की पहचान होती है,
रूठ भी गऐ हम तो दिल पर मत लेना,
क्योकि दोस्ती जरा सी नादान होती है…!!!

 

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याद करते है तुम्हे तनहाई में,

याद करते है तुम्हे तनहाई में,
दिल डूबा है गमो की गहराई में,
हमें मत धुन्ड़ना दुनिया की भीड़ में,
हम मिलेंगे में तुम्हे तुम्हारी परछाई में.

मौत के बाद याद आ रहा है कोई,
मिट्ठी मेरी कबर से उठा रहा है कोई,
या खुदा दो पल की मोहल्लत और दे दे,
उदास मेरी कबर से जा रहा है कोई.

डूबते हैं तो पानी को दोष देते हैं,
गिरते हैं तो पत्थर को दोष देते हैं,
इंशान भी क्या अजीब हैं दोस्तों..
कुछ कर नहीं पाता तो किस्मत को दोष देते है

एक दिन हम आपसे इतने दूर हो जायेंगे,
के आसमान के इन तारो में कही खो जायेंगे,
आज मेरी परवाह नहीं आपको,
पर देखना एक दिन हद से ज्यादा.. हम आपको याद आएंगे!!

कदम कदम पर बहारो ने साथ छोडा,
जरुरत पडने पर यारो ने साथ छोडा,
बादा किया सितारोँ ने साथ निभाने का,
सुबह होने सितारो ने साथ छोडा.

हमने भी किसी से प्यार किया था,
हाथो मे फूल लेकर इंतेज़ार किया था,
भूल उनकी नही भूल तो हमारी थी,
क्यों की उन्हो ने नही, हमने उनसे प्यार किया था..!!

आंसूओ तले मेरे सारे अरमान बह गये,
जिनसे उमीद लगाए थे वही बेवफा हो गये,
थी हूमे जिन चिरागो से उजाले की चाह,
वो चिराग ना जाने किन अंधेरो में खो गये.

हसीनो ने हसीन बनकर गुनाह किया,
औरों को तो क्या हमको भी तबाह किया,
पेश किया जब ग़ज़लों में हमने उनकी बेवफ़ाई को,
औरों ने तो क्या उन्होने भी वाह-वाह किया.

जिन्दगी की राहों में मुस्कराते रहो हमेशा,
उदास दिलों को हमदर्द तो मिलते हैं, हमसफ़र नहीं !!


ना प्यार कम हुआ है ना ही प्यार का अहेसास,
बस उसके बिना जिन्दगी काटने की आदत हो गई है !!


तेरी यादों ने मुझे क्या खूब मशरूफ किया है ऐ सनम..
खुद से मुलाकात के लिए भी वक़्त मुकर्रर करना पड़ता है।


तुम्हारी याद ऐसे महफूज़ है मेरे दिल मे,
जैसे किसी गरीब ने रकम रक्खी हो तिजोरी में.!!


इश्क़ है या कुछ और ये तो पता नहीं ,
पर जो तुमसे है वो किसी और से नही..!!


ए खुदा अगर तेरे पेन की श्याही खत्म है
तो मेरा लहू लेले, यू कहानिया अधूरी न लिखा कर।


तेरी जगह आज भी कोई नहीं ले सकता ,
पता नहीं वजह तेरी खूबी है या मेरी कमी..!!


तुम्हारा साथ तसल्ली से चाहिए मुझे..
जन्मों की थकान लम्हों में कहाँ उतरती है !!


यूँ तो शिकायते आप से सैंकड़ों हैं मगर..
आप एक मुस्कान ही काफी है मनाने के लिये।


मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा..
किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे, जो मौत तक वफा करे।

ज़माने से नहीं, तन्हाई से डरते हैं,
प्यार से नहीं, रुसवाई से डरते हैं,
मिलने की उमंग है दिल में लेकिन,
मिलने के बाद तेरी जुदाई से डरते हैं.

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दर्द से दोस्ती हो गई यारों,

दर्द से दोस्ती हो गई यारों,
जिंदगी बे दर्द हो गई यारों,
क्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारा,
दूर तक रोशनी तो हो गई यारो।

बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है,
आप खुश रहें, मेरा क्या है..
मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है।

हर बात में आंसू बहाया नहीं करते,
दिल की बात हर किसी को बताया नहीं करते,
लोग मुट्ठी में नमक लेके घूमते है..
दिल के जख्म हर किसी को दिखाया नहीं करते।

उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है,
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर,
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है!

धरती के गम छुपाने के लिए गगन होता है,
दिल के गम छुपाने के लिए बदन होता है,
मर के भी छुपाने होंगे गम शायद,
इसलिए हर लाश पर कफ़न होता है।

इस दिल की दास्ताँ भी बड़ी अजीब होती है,
बड़ी मुस्किल से इसे ख़ुशी नसीब होती है,
किसी के पास आने पर ख़ुशी हो न हो,
पर दूर जाने पर बड़ी तकलीफ होती है!

मेरे दिल ने जब भी कभी कोई दुआ माँगी हे,
तब तुझे माँगी और तेरी वफ़ा माँगी हे,
जिस प्यार को देख के दुनियावाले जला करते हे,
तेरी मोहब्बत करने की वो प्यारी सी अदा माँगी.

गुलाब खिलते रहे ज़िंदगी की राह् में,
हँसी चमकती रहे आप कि निगाह में.
खुशी कि लहर मिलें हर कदम पर आपको,
देता हे ये दिल दुआ बार–बार आपको.

गम ने हसने न दिया, ज़माने ने रोने न दिया!
इस उलझन ने चैन से जीने न दिया!
थक के जब सितारों से पनाह ली!
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया!

माना के किस्मत पे मेरा कोई ज़ोर नही,
पर ये सच ह के मोहब्बत मेरी कमज़ोर नही,
उस के दिल मे, उसकी यादो मे कोई और है लेकिन,
मेरी हर साँस में उसके सिवा कोई और नही..!!!

 

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तुम दूर हो या पास फर्क किसे पड़ता है,

तुम दूर हो या पास फर्क किसे पड़ता है,
तू जँहा भी रहे तेरा दिल तो यँही रहता है..!!


पहली बारिश का नशा ही कुछ अलग होता हैं,
पलको को छूते ही सीधा दिल पे असर होता हैं।


सुनो ये बादल जब भी बरसता है,
मन तुझसे ही मिलने को तरसता है..!!


मरहम लगा सको तो गरीब के जख्मो पर लगा देना
हकीम बहुत है बाजार में अमीरो के इलाज खातिर !!


मैंने अपने ख्वाहिशो को दिवार में चुनवा दिया,
खामखाँ जिंदगी में अनारकली बनके नाच रही थी !!


वो कहते हैं हम जी लेंगे खुशी से तुम्हारे बिना,
हमें डर है वो टूटकर बिखर जायेंगे हमारे बिना।


ज़िन्दगी ये चाहती है कि ख़ुदकुशी कर लूँ,
मैं इस इन्तज़ार में हूँ कि कोई हादसा हो जाए।


मोहब्बत रोग है दिल का इसे दिल पे ही छोड़ दो,
दिमाग को अगर बचा लो तो भी गनीमत हो..!!


ख्वाब मत बना मुझे.. सच नहीं होते,
साया बना लो मुझे.. साथ नहीं छोडेंगे..!!


आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक,
कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक..!!

तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे,
खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे,
अगर दिल ने कहा तुम बेवफ़ा हो,
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे।

दिन हुआ है तो रात भी होगी,
हो मत उदास, कभी बात भी होगी,
इतने प्यार से दोस्ती की है,
जिन्दगी रही तो मुलाकात भी होगी..

इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा,
राते कटती है लेकर नाम तेरा,
मुद्दत से बैठा हूँ पाल के ये आस,
कभी तो आएगा कोई पैग़ाम तेरा !!

हम दिलफेक आशिक़ है, हर काम में कमाल कर दे,
जो वादा करे वो पूरा हर हाल में कर दे,
क्या जरुरत है जानू को लिपस्टिक लगाने की,
हम चूम-चूम के ही होंठ उसके लाल कर दे !!

मोहब्बत कि ज़ंज़ीर से डर लगता हे,
कुछ अपनी तफलीक से डर लगता हे.
जो मुझे तुजसे जुदा करते हे,
हाथ कि वो लकीरो से डर लगता हे.

रात का चाँद आसमान में निकल आया है.
साथ में तारों की बारात लय है.
ज़रा आसमान की ओर देखो वो आपको..
मेरी और से गुड नाईट कहने आया है.

सितारों से भरी इस रात में,
जन्नत से भी खूबसूरत ख्वाब आपको आये,
इतनी हसीन हो आने वाली सुबह की,
मांगने से पहले ही आपकी हर मुराद पूरी हो जाये.

आपसे दूर रेहके भी आपको याद किया हमने,
रिश्तों का हर फ़र्ज़ अदा किया हमने,
मत सोचना की आपको भुला दिया हमने,
आज फिर सोने से पहले आपको याद किया हमने.

अपनी जिंदगी के अलग असूल हैं,
यार की खातिर तो कांटे भी कबूल हैं,
हंस कर चल दूं कांच के टुकड़ों पर भी,
अगर यार कहे, यह मेरे बिछाए हुए फूल हैं.

 

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इक मुलाकात जरूरी है!!!

है दिल में ख़वाईश की तुझसे इक मुलाक़ात तो हो,
मुलाक़ात ना हो तो फिर मिलने की कुछ बात तो करो,
मोती की तरह समेट लिया है जिन्हे दिल-ए-सागर मे,
ख़वाब सज़ा के, उन ख्वाबों को रुस्वा ना करो…

बहुत अरमान है की फिर से खिले कोई बहार यहाँ,
ये मालूम भी है की जा कर वक़्त आया है कहाँ,
हवा चलती है तो टूट जाते है ह्रे पत्ते भी तो कई,
तो सूखे फूलों से खिलने की तुम इलत्ज़ा ना करो…

ना ग़म करना तुम, ना उदास होना कभी जुदाई से,
वक़्त क्ट ही जाएगा तुम्हारा मेरी याद-ए-तन्हाई से,
ये दुनिया रूठ जाए हमसे तो भले ही रूठी रहे,
सच मर जाएँगे हम, तुम सनम रूठा ना करो…

लम्हा दर लम्हा बसे रहते हो मेरे ख़यालों मे,
ज़िक्र तुम्हारा ही होता है मेरे दिल के हर सवालों मे,
लो लग गयी ना हिचकियाँ तुम्हे अब तो कुछ समझो,
कह दो की “शिखा” मेरे बारे मे इतना सोचा ना करो…

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कुछ बाते अधूरी सी!!!

हमने महबूब की आँखों पर
हाथों को अपने रख कर देखा
नफ़रत के अंगारों को जब उनकी
नज़रों मे दहकता देखा
और उनही हाथों को िदल पर रख कर,
अपनी हसरतों को ख़ुद अपनी आँखों से जलता देखा
चाँद की तरह हमने प्यार को भी मरता देखा!!!

एक अजनबी सी नज़र दीवार को भेदती हुई,
एक उखड़ी हुई साँस िजगर को छेद़ती हुई
ख़ुद की तलाश मे भटक रही है रूह,
दो पल का भी नहीं जैसे मेरे नसीब मे सुकून
घर के साज़ो-समान को ख़ुद पर हमने हस्ते देखा
अपने वजूद को भी सजावट का सामान बनते देखा!!!

ह्र िरश्ते पर एक मौत ख़ुद की पाई है
बाज़ार मे जैसे बोली ख़ुद अपनी लगाई है
कोई ज़हर जैसे अपने हाथों पी िलया हमने,
ज़हर पी के भी मगर कैसे जी िलया हमने
खुली आँखों से कैसा ख़ौफ़नाक ये सपना देखा
कई
ज़हरीले नागों को क़दमों से िलपटते देखा!!!

एक ही मंज़र ये ह्र रात का होता है
चाँद भी आकर मेरी छत पे रोता है
पलकों मे नमी होती है िबखरी िबखरी
िदल िफर भी नयी उमीद़ कोई िपरोता है
वोह तो िक्ये को आगोश मे ले लेते है
जाने कैसे वो चैन की नींद सो लेते है
रात की रानी को कभी िखड़की पे महकता देखा
हमने रातों को आँखों आँखों मे गुज़रता देखा!!!

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