बदलना आता नहीं हमे मौसम की तरह,

बदलना आता नहीं हमे मौसम की तरह,
हर इक रुत में तेरा इंतज़ार करते हैं,
ना तुम समझ सकोगे जिसे क़यामत तक,
कसम तुम्हारी तुम्हे हम इतना प्यार करते हैं|

मेरी रूह में न समाती तो भूल जाता तुम्हे,
तुम इतना पास न आती तो भूल जाता तुम्हे,
यह कहते हुए मेरा ताल्लुक नहीं तुमसे कोई,
आँखों में आंसू न आते तो भूल जाता तुम्हे|

प्यार किया बदनाम हो गए,
चर्चे हमारे सरेआम हो गए,
ज़ालिम ने दिल उस वक़्त तोडा,
जब हम उसके गुलाम हो गए|

तेरे एहसासों में जो सुकून है..
वो नींद में कहाँ ..


अजीब किस्सा है जिन्दगी का,
अजनबी हाल पूछ रहे हैं और अपनो को खबर तक नहीं..


ये जो हालात हैं एक रोज सुधर जायेंगे..
पर कई लोग मेरे दिल से उतर जायेंगे..


मुजे ऊंचाइयों पर देखकर हैरान है बहुत लोग..
‪‎पर‬ किसी ने मेरे पैरो के छाले नहीं देखे..


मिठास रिश्तों कि बढाए तो कोई बात बने..
मिठाईयाँ तो हर साल मीठी ही बनती है..


अपनी जिंदगी अजीब रंग में गुजरी है..
राज किया दिलों पे और तरसे मोहब्बत को..


बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी,
फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी !


वहम से भी अक्सर खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते..
कसूर हर बार गल्तियों का नही होता..


किसकी खातिर अब तु धड़कता है ऐ दिल..
अब तो कर आराम, कहानी खत्म हुई !

सुना था.. मोहब्बत मिलती है, मोहब्बत के बदले |
हमारी बारी आई तो, रिवाज हि बदल गया ||


सुनो! या तो मिल जाओ, या बिछड जाओ,
यू सासो मे रह कर बेबस ना करो|


तुझ से रूठने का हक है मुझ को..
पर मुझ से तुम रूठो यह अच्छा नहीं लगता|


हजारों चेहरों में एक तुम ही पर मर मिटे थे..
वरना.. ना चाहतों की कमी थी और ना चाहने वालों की..!


एक सफ़र ऐसा भी होता है दोस्तों,
जिसमें पैर नहीं दिल थक जाता है…!!


तुझको लेकर मेरा ‪ख्याल‬ नहीं ‪बदलेगा‬..
‪साल‬ बदलेगा, मगर ‪दिल‬ का ‪हाल‬ नहीं बदलेगा|


अगर लोग यूँ ही कमिया निकालते रहे तो,
एक दिन सिर्फ खुबिया ही रह जायेगी मुझमे !


उसने चुपके से मेरी आँखों पर हाथ रखकर पूछा…बताओ कौन ???
मैं मुस्कराकर धीरे से बोला… “मेरी जिन्दगी”


मै नासमझ ही सहीं मगर वो तारा हूं..
जो तेरी एक ख्वाहिश के लिये..सौ बार टूट जाऊं|


मैं ख़ामोशी तेरे मन की, तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा..
मैं एक उलझा लम्हा, तू रूठा हुआ हालात मेरा |


जागना भी कबूल हैं तेरी यादों में रात भर,
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ |

एक सिगरेट सी मिली तू मुझे..
ए आशिकी कश एक पल का लगाया था लत उम्र भर की लग गयी।


जी करता है चला जाऊं, हसीनों की महफिल में..
पर क्या करूं ये मेरे दोस्तो, उतना दम ही नहीं है दिल में।।


एक तु मिल जाती तो किसी का कया चला जाता..
तुझे उमर भर के लिए खुशीयाँ ही खुशीयाँ और मुझको मेरा खुदा मिल जाता।


बहुत थे मेरे भी इस दुनिया मेँ अपने,
फिर हुआ इश्क और हम लावारिस हो गए..!


मुझ पर सितम करो तो तरस मत खाना..
क्योकि खता मेरी हैं मोहब्बत मैंने किया हैं।


वो तो अपनी एक आदत को भी ना बदल सका..
जाने क्यूँ मैंने उसके लिए अपनी जिंदगी बदल डाली


बेवफा कहने से पहले मेरी रग रग का खून निचोड़ लेना..
कतरे कतरे से वफ़ा ना मिले तो बेशक मुझे छोड़ देना।


दो ‪‎लव्ज‬ क्या लिखे तेरी ‪याद‬ मे..
लोग कहने लगे तु आशिक‬ बहुत पुराना है।


सौदा कुछ ऐसा किया है तेरे ख़्वाबों ने मेरी नींदों से..
या तो दोनों आते हैं, या कोई नहीं आता..


कमाल का जिगर रखते है कुछ लोग,
दर्द पढ़ते है और आह तक नहीं करते।

वो नहीं आती पर निशानी भेज देती है
ख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देती है
कितने मीठे हे उसकी यादो के मंज़र।
कभी कभी आँखों में पानी भेज देती है!!

अपना होगा तो सता के मरहम देगा,
जालिम होगा अपना बना के जख्म देगा,
समय से पहले पकती नहीं फसल,
अरे बहुत बरबादियां अभी मौसम देगा|

 

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