एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,

एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..


जब नफ़रत करते करते थक जाओ..।
तो एक मौका प्यार को भी दे देना।।


खामोशियाँ – बहुत कुछ कहती हैं,
कान नही दिल लगा कर सुनना पड़ता है..


मैंने उसे बोला ये आसमान कितना बड़ा है ना,
पगली ने गले लगाया और कहा इससे बड़ा तो नहीं..


देखते हैं अब क्या मुकाम आता है साहेब,
सूखे पत्ते को इश्क़ हुआ है बहती हवा से..!!


मैने जो पुछा उनसे कि.. यूँ बात बात पे रूलाते क्युँ हो..
वो बङे प्यार से बोली, मुझे बहता हुआ पानी बेहद पंसद है.


शायरी लिखना बंद कर दूंगा अब मैं यारो..
मेरी शायरी की वजह से दोस्तों की आँखों में आंसू अब देखे नहीं जाते..!!


जाते जाते उसने पलटकर सिर्फ इतना कहा मुझसे,
मेरी बेवफायी से ही मर जाओगे या मार के जाऊ!!


ठहर सके जो.. लबों पे हमारे,
हँसी के सिवा, है मजाल किसकी.


तुम पल भर के लिए दूर क्या जाते हो,
तो हम ‘बिखरने’ से लगते हैं..

मोहब्बत भी ठंड जैसी है,
लग जाये तो बीमार कर देती है..


जादू वो लफ़्ज़ लफ़्ज़ से करता चला गया
और हमने बात बात में हर बात मान ली


हम बने ही थे तबाह होने के लिए..
तेरा छोड़ जाना तो महज़ इक बहाना था.!!


खेल ताश का हो या जिंदगी का,
अपना इक्का तब ही दिखाना जब सामने बादशाह हो ।


मुझे क़बूल है.. हर दर्द.. हर तकलीफ़ तेरी चाहत में..
सिर्फ़ इतना बता दो.. क्या तुम्हें मेरी मोहब्बत क़बूल है..?


दुनिया खरीद लेगी हर मोड़ पर तुझे…
तूने जमीर बेचकर अच्छा नहीं किया..


मैं खुद भी अपने लिए अजनबी हूं ..
मुझे गैर कहने वाले.. तेरी बात मे दम है.


कभी आपको याद आई कभी हमने याद किया..
खैर छोड़ो ये बेकार सियासत चलो आओ बात करें


ज़िन्दगी में कई ऐसे लोग भी मिलते हैं
जिन्हें हम पा नहीं सकते सिर्फ चाह सकते हैं..


सच के रास्ते पे चलने का.. ये फ़ायदा हुआ,
रास्ते में कहीं भीड़ नहीं थी ।

मैंने जिन्दगी से पूछा..
सबको इतना दर्द क्यों देती हो..??
जिन्दगी ने हंसकर जवाब दिया..
मैं तो सबको ख़ुशी ही देती हुँ..
पर एक की ख़ुशी दुसरे का दर्द बन जाती है !!

नज़रों से दूर सही दिल के बहुत पास है तू..
बिखरी हुई इस ज़िन्दगी में मेरे जीने की आस है तू..


वो मेरी हर दुआ में शामिल था
जो किसी और को बिन मांगे मिल गया


तुम थोड़ी सी ‪#‎फुलझड़ी‬ क्या हुई..
पूरा मौहल्ला ही ‪#‎माचिस‬ हो गया..


काश तुझे सर्दी के मौसम मे लगे मुहब्बत की ठंड,
और तू तड़प कर माँगे मुझे कम्बल की तरह..!


कहाँ ढूँढ़ते हो तुम इश्क़ को ऐ-बेखबर
ये खुद ही ढून्ढ लेता है जिसे बर्बाद करना हो ..


मैने कहा बडी तीखी‬ मिर्च होयार तुम..!!
वो.. मेरे होठचुम करबोलीऔर अब!!


Aaj Koi ‪‎Shayari‬ Nahi Bas Itna ‪Sun‬ Lo
Mei ‪Tanha‬ Hu aur ‪‎Wajah‬ Tum Ho…!!


Rehte Hain Aas-Paas Hi Lekin Saath Nahi Hote..
Kuch Log Jalte Hain Mujhse Bus Qaakh Nahi Hote!!


बचपन में तो शामें भी हुआ करती थी,
अब तो बस सुबह के बाद रात हो जाती है!

जीने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते हैं,
वो आये न आये हम इंतज़ार करते हैं,
झूठा ही सही मेरे यार का वादा है,
हम सच मान कर ऐतबार करते हैं ।

मुहब्बत में सच्चा यार न मिला,
दिल से चाहे हमें वो प्यार न मिला।
लूटा दिया उसके लिए सब कुछ मैने,
मुसीबत में मुझे मददग़ार न मिला।

मैंने जिन्दगी से पूछा..
सबको इतना दर्द क्यों देती हो ?
जिन्दगी ने हंसकर जवाब दिया..
मैं तो सबको ख़ुशी ही देती हु,
पर एक की ख़ुशी दुसरे का दर्द बन जाती है !!

अब ये न पूछना की..
ये अल्फ़ाज़ कहाँ सेलाता हूँ,
कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के,
कुछ अपनी सुनाता हूँ|

मजबूर नही करेंगे तुझे वादे निभानें के लिए,
बस एक बार आ जा, अपनी यादें वापस ले जाने के लिए..!!


तुझसे मैँ इजहार ऐ मोहब्बत इसलिए भी नही करता,
सुना है बरसने के बाद बादलो की अहमियत नही रहती|


कागज अपनी क़िस्मत से उड़ता है और पतंग अपनी काबिलियत से,
क़िस्मत साथ दे या न दे पर काबिलियत जरुर साथ देगी..!!


“जान” थी वो मेरी,
और जान तो एक दिनचली ही जाती है ना..!!


हर मर्ज़ का इलाज़ मिलता था उस बाज़ार में,
मोहब्बत का नाम लिया दवाख़ाने बन्द हो गये|


तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है,
पूरी उसकी होती है जो तकदीर लेकर आता है..!!


वो जब पास मेरे होगी तो शायद कयामत होगी,
अभी तो उसकी तस्वीर ने ही तवाही मचा रखी है|


लोग कहते है हर दर्द की एक हद होती है,
कभी मिलना हमसे हम वो सीमा अक्सर पार करके जाते है|


पतझड आती है तो पते टूट जाते है,
नया साथ मिल जाए तो पुराने छूट ही जाते है|


फिर पलट रही हे सदिॅयो सी सुहानी रातें,
फिर तेरी याद मे जलने के जमाने आ गए|

वो साथ थे तो
एक लफ़्ज़ ना निकला
लबों से,
दूर क्या हुए
कलम ने क़हर मचा दिया..!!

 

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