मौहब्बत की मिसाल में,
बस इतना ही कहूँगा ।
बेमिसाल सज़ा है,
किसी बेगुनाह के लिए ।
ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने !!
है बेवफा गम-ऐ मोहब्बत क्या जाने !!
जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर !!
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने !!
छोड़ तो सकता हूँ,
मगर..
छोड़ नहीं पाता उसे,
वो शख्स मेरी बिगड़ी हुई..
आदत की तरह है..
तेरी याद में आंसुओं का समंदर बना लिया,
तन्हाई के शहर में अपना घर बना लिया,
सुना है लोग पूजते हैं पत्थर को,
इसलिए तुझसे जुदा होने के बाद दिल को पत्थर बना लिया।
हाल अपने दिल का,
मैं तुम्हें सुना नहीं पाती हूँ..
जो सोचती रहती हूँ हरपल,
होंठो तक ला नहीं पाती हूँ..
बेशक बहुत मोहब्बत है,
तुम्हारे लिए मेरे इस दिल में..
पर पता नहीं क्यों तुमको,
फिर भी मैं बता नहीं पाती हूँ..
ज़रूरी नहीं कि हर समय लबों,
पर भगवान का नाम आये,
वो लम्हा भी भक्ति से कम नहीं जब,
इंसान इंसान के काम आये।
एक बात पूछें तुमसे..
जरा दिल पर हाथ रखकर फरमायें..
जो इश्क़ हमसे शीखा था..
अब वो किससे करते हो|